मच्छरों का भेदभाव: खुजली किसे ज्यादा, किसे कम और क्यों?
- फीचर
Mosquito bite science- हम सभी मच्छरों के शिकार बन चुके हैं। उनकी एक छोटी सी काटने की हरकत हमें घंटों तक खुजाने पर मजबूर कर देती है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोगों को मच्छरों के काटने के बाद खुजली ज्यादा क्यों होती है, जबकि कुछ लोगों को कम?
मच्छर क्यों काटते हैं?
रिसर्च बताती है कि मच्छर कुछ खास रंगों और गंध की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं। लाल, नारंगी, और काले रंग मच्छरों के फेवरेट होते हैं। साथ ही, शरीर से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड, त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया और शरीर की गंध भी मच्छरों को आपकी ओर खींचने में बड़ी भूमिका निभाती है।
अब सवाल ये उठता है कि क्यों कुछ लोग मच्छरों के काटने के बाद ज्यादा खुजाते हैं जबकि कुछ को मामूली खुजली ही होती है?
खुजली का विज्ञान
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे शरीर की त्वचा में ढेर सारे सेंसरी न्यूरॉन्स होते हैं, जो शरीर के बाहरी वातावरण से आने वाले संकेतों को ब्रेन तक पहुंचाते हैं। जब मच्छर आपको काटते हैं, तो उनकी लार आपके खून में पहुंचती है। यह लार हमारे शरीर में एलर्जी पैदा करने वाले एलर्जन की तरह काम करती है, जिससे इम्यून सिस्टम की कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं। इन्हीं इम्यून कोशिकाओं की वजह से त्वचा में सूजन और खुजली होती है।
क्यों होता है भेदभाव?science of mosquito bite explained
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्चर डॉ. कैरोलाइन सोकोल बताती हैं कि हर इंसान की त्वचा एलर्जन्स (allergen) के प्रति एक जैसा रिएक्शन नहीं देती। कुछ लोगों के न्यूरॉन्स ज्यादा संवेदनशील होते हैं, जिससे उन्हें ज्यादा खुजली होती है।
इस बात को समझने के लिए चूहों पर एक प्रयोग किया गया, जिसमें पॉपेन (papain) नामक केमिकल का इस्तेमाल किया गया। इस केमिकल के संपर्क में आने पर सभी चूहे अलग-अलग तरीके से खुजाने लगे। जिन चूहों में एक खास तरह की टी-सेल (GD3) नहीं थी, उन्हें खुजली कम हुई। इसका मतलब ये हुआ कि टी-सेल्स हमारी इम्यून प्रणाली को प्रभावित करती हैं और इनकी कमी से खुजली कम हो सकती है।
निष्कर्ष
इस रिसर्च से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि क्यों कुछ लोगों को मच्छरों के काटने पर ज्यादा खुजली होती है। हालांकि, इस पर और भी रिसर्च की जा रही है ताकि मच्छरों की काटने की प्रक्रिया और उससे होने वाली खुजली के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सके।
अब सवाल यह है कि आप किस कैटेगरी में आते हैं? ज्यादा खुजली वाली या कम खुजली वाली?