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लोकार्पण के बाद भी बिल्डिंग पर ताला लटका:स्टाफ,बिजली और मशीने भी नहीं; 31 लारोड़ के लागत से बना भवन सूना पड़ा

  • मध्यप्रदेश

शासकीय जिला अस्पताल परिसर में नवनिर्मित भवन के लोकार्पण को दो माह बीत चुके हैं, लेकिन यहां मरीजों का उपचार शुरू नहीं हुआ। लोकार्पण के बाद से ही भवन में ताले लगे हैं और नई बिल्डिंग अभी तक अस्पताल प्रबंधन को हेंडओवर नहीं की गई है।

जिला चिकित्सालय में 150 बेड की नई बिल्डिंग 31 करोड 8 लाख रुपए की लागत से तैयार की गयी थी। जिसमें 50 बिस्तर क्रिटिकल केयर यूनिट की हैं। 15 अक्टूबर को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर, सीहोर विधायक सुदेश राय, नगरपालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर भवन का लोकार्पण किया था।

आनन-फानन में भवन का लोकार्पण तो कर दिया गया लेकिन दो माह बाद भी यहां अस्पताल प्रारंभ नहीं हो सका है। ऐसे में मरीजों को खासी परेशानी हो रही है।

बिजली और स्टाफ व्यवस्था नहीं

नई बिल्डिंग बनकर तो तैयार है लेकिन अभी इसमें कई कमियां हैं। इसमें अभी बिजली की व्यवस्था नहीं है और मेडिकल स्टाफ भी उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही मशीनें और अन्य उपकरण भी अभी मौजूद नहीं हैं। अब अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं कि जब नवीन भवन में स्टाफ, मशीन और बिजली व्यवस्था नहीं थी तो इसका लोकार्पण क्यों किया गया।

सुविधा मिलती तो कम होता दबाव

जिला चिकित्सालय में रोजाना बडी संख्या में मरीज उपचार के लिए आते हैं। नवीन 150 बिस्तरीय अस्पताल शुरू होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी और जिला चिकित्सालय पर दबाव भी कम होगा। नवीन भवन में 50 बिस्तर की क्रिटीकल यूनिट बनाइ गई है जिसमें आईसीयू, एचडीयू, डायलिसिस, लेवर रुम, आईसोलेशन वार्ड के साथ ओपीडी रजिस्टे्रशन, एनसीडी क्लिनिक, सोनाग्राफी, मेटरनिटी ओटी, आईओटी, बच्चा वार्ड, डेंगू वार्ड बनाए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी ट्रांसफार्मर और 33 केवी लाइन का काम चल रहा है। लाइट का काम होने के बाद नवीन बिल्डिंग में उपचार शुरू हो जाएगा।

 

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