देश हरपल न्यूज़ | पिपरिया, नर्मदापुरम (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश एक बार फिर अपने “अजब-गजब” कारनामों के लिए चर्चा में है। ताजा मामला नर्मदापुरम जिले के पिपरिया स्थित शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का है, जहां यूनिवर्सिटी परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किसी प्रोफेसर ने नहीं, बल्कि एक चपरासी ने कर डाला।
यह घटना जनवरी 2025 की है, जब कॉलेज के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पन्नालाल पठारिया द्वारा यूनिवर्सिटी की परीक्षा कॉपियां जांचते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा गया कि पन्नालाल, जो कि कॉलेज में चपरासी के पद पर कार्यरत हैं, बड़े आराम से उत्तर पुस्तिकाएं जांच रहे हैं और उन्हें नंबर भी दे रहे हैं।
चौंकाने वाला खुलासा: 5000 में हुआ सौदा, छात्रों का भविष्य दांव पर
जांच में खुलासा हुआ कि यह कॉपियां कॉलेज की गेस्ट फैकल्टी खुशबू पगारे को जांचने के लिए सौंपी गई थीं। लेकिन खुशबू पगारे ने कथित तौर पर तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए यह ज़िम्मेदारी कॉलेज के बुक लिफ्टर राकेश मेहर को 7000 रुपए में दे दी। राकेश ने बदले में 5000 रुपए में यह जिम्मेदारी चपरासी पन्नालाल पठारिया को सौंप दी।
यानी प्रोफेसर की बीमारी, बिचौलिए की कमाई और चपरासी की मेहनत ने मिलकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर डाला। इतना ही नहीं, छात्रों की मेहनत और यूनिवर्सिटी की साख दोनों पर सवालिया निशान खड़े हो गए।
छात्र पहुंचे विधायक के पास, उच्च शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
वीडियो वायरल होते ही छात्रों में रोष फैल गया। उन्होंने स्थानीय विधायक ठाकुरदास नागवंशी से इस मामले की शिकायत की और वीडियो सबूत के तौर पर सौंपा। मामला उच्च शिक्षा विभाग तक पहुंचा और प्रोफेसर खुशबू पगारे को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही चपरासी और बुक लिफ्टर के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
सवाल बड़े हैं: शिक्षा का ये स्तर?
यह घटना सिर्फ एक कॉलेज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाती है। जब परीक्षा कॉपियों की जांच जैसे संवेदनशील कार्य को बिना योग्यता वाले कर्मचारी को सौंप दिया जाए, तो फिर छात्रों की योग्यता और मेहनत का क्या मूल्य रह जाता है?
क्या यह लापरवाही नहीं, बल्कि एक आपराधिक लापरवाही है? क्या ऐसे मामलों पर सिर्फ सस्पेंशन ही काफी है या कड़ी कानूनी कार्रवाई भी जरूरी है?
देश हरपल की अपील:
देश हरपल न्यूज़ इस घटना की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि ऐसी लापरवाहियों पर सख्त कार्रवाई हो, जिससे देश के युवाओं और शिक्षा प्रणाली पर विश्वास बना रहे।