दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके से शनिवार तड़के एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक चार मंजिला इमारत अचानक भरभरा कर गिर गई, जिसमें अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। 14 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन 8-10 लोग अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
यह दर्दनाक हादसा आसपास के लोगों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। घटना की भयावहता सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसमें देखा गया कि अचानक एक चिंगारी उठी और कुछ ही सेकंड में गली धूल के गुबार से भर गई, जिससे कैमरा भी कुछ नहीं रिकॉर्ड कर पाया।
CCTV Footage: कैसे गिरी इमारत?
CCTV फुटेज में दिखा कि इमारत गिरने से पहले एक हल्की चिंगारी उठी और उसके तुरंत बाद धूल का विशाल गुबार फैल गया। ये दृश्य इतने अचानक और भयावह थे कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला।
2:50 AM पर मिला फोन कॉल, NDRF और फायर ब्रिगेड ने संभाली कमान
डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने बताया कि उन्हें तड़के 2:50 बजे कॉल मिला था। जब उनकी टीम मौके पर पहुंची, तब तक पूरी इमारत जमींदोज हो चुकी थी। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
NDRF अधिकारी ने इस घटना को “पैनकेक कोलैप्स” कहा, यानी जब एक के ऊपर एक फ्लोर गिरते हैं। ऐसी स्थितियों में ज़िंदा बचने की संभावना बेहद कम होती है, लेकिन हर ज़िंदगी को बचाने की पूरी कोशिश जारी है।
घनी बस्ती और तंग गलियों ने बचाव कार्य को बनाया चुनौतीपूर्ण
मुस्तफाबाद की तंग गलियों के कारण रेस्क्यू टीम को भारी मशीनें अंदर लाने में परेशानी हो रही है। फिर भी जवान हर हाथ से मलबा हटाकर लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
बारिश और आंधी के बाद हुआ हादसा, कारण की जांच जारी
हादसे से कुछ घंटे पहले दिल्ली में तेज़ बारिश और आंधी आई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसी के बाद इमारत कमजोर हो गई होगी। हालांकि प्रशासन ने कहा है कि असली वजह की जांच की जा रही है।
GTB अस्पताल में चल रहा घायलों का इलाज
जो लोग मलबे से निकाले गए हैं, उन्हें जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों का इलाज कर रही है।
सरकार और प्रशासन से अपील
स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस हादसे की निष्पक्ष जांच हो और क्षेत्र में जर्जर इमारतों का सर्वे कराकर उन्हें खाली कराया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।