भारत ने बांग्लादेश को हमेशा एक अच्छे पड़ोसी और दोस्त की तरह देखा। जब भी बांग्लादेश को ज़रूरत पड़ी, भारत ने दिल खोलकर मदद की – फिर चाहे बात आज़ादी की लड़ाई की हो, विकास परियोजनाओं की या आर्थिक सहायता की। लेकिन आज हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।
भारत की दरियादिली पर बांग्लादेश की सियासत भारी?
बीते कुछ समय में बांग्लादेश की ओर से ऐसे बयान और कदम सामने आ रहे हैं, जो भारत के लिए चौंकाने वाले हैं। बांग्लादेश सरकार का चीन के साथ बढ़ता गठजोड़, भारत के खिलाफ तल्ख़ रुख और कई द्विपक्षीय मुद्दों पर टकराव – ये सभी इशारा कर रहे हैं कि रिश्तों में दरार आ चुकी है।
हजारों करोड़ की मदद – लेकिन फिर भी उपेक्षा!
भारत ने अब तक बांग्लादेश को करीब 8 बिलियन डॉलर (65 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) की आर्थिक सहायता दी है। सड़कें, रेल, बिजली और शिक्षा – हर सेक्टर में भारत ने अपना हाथ बढ़ाया। लेकिन इसके बदले में हाल ही में जो रवैया देखने को मिल रहा है, वो कड़वा है।
चीन का खेल और बांग्लादेश की चुप्पी
बांग्लादेश अब चीन की ओर झुकता दिख रहा है। चीन वहाँ भारी निवेश कर रहा है और रणनीतिक तौर पर भारत की घेराबंदी की कोशिश कर रहा है। ऐसे में बांग्लादेश की चुप्पी और भारत के खिलाफ बयान चिंता का कारण हैं।
क्या मोदी सरकार दिखाएगी सख्ती?
मोदी सरकार अब इस पूरे मामले पर बारीकी से नज़र रखे हुए है। जानकारों का मानना है कि भारत जल्द ही कड़ा संदेश दे सकता है। यह वक्त है जब भारत को अपनी उदारता और राष्ट्रीय हितों में संतुलन बैठाना होगा।