भारतीय क्रिकेट के सितारे विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। संन्यास के तुरंत बाद विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन पहुंचे। यहाँ उन्होंने प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज से आध्यात्मिक वार्तालाप किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
दूसरी बार पहुंचे वृंदावन
गौरतलब है कि इस साल यह विराट और अनुष्का की दूसरी वृंदावन यात्रा थी। इससे पहले जनवरी में भी दंपति अपने बच्चों के साथ यहां आए थे। इस बार विराट और अनुष्का ने वृंदावन स्थित श्री हित राधा केली कुंज वराह घाट आश्रम में महाराज जी से मुलाकात की।
प्रेमानंद जी महाराज से आध्यात्मिक संवाद
आश्रम पहुंचने पर विराट और अनुष्का ने महाराज जी को प्रणाम किया। महाराज जी ने मुस्कुराते हुए पूछा, “प्रसन्न हो?” इस पर विराट ने उत्तर दिया, “जी, अभी ठीक है।” महाराज जी ने भी कहा, “ठीक ही रहना चाहिए।”
इस वार्तालाप के दौरान महाराज जी ने विराट और अनुष्का को महत्वपूर्ण उपदेश भी दिए। अनुष्का ने नाम जप के बारे में भी महाराज जी से प्रश्न किए। उपदेश सुनते समय अनुष्का भावुक हो गईं।
ध्यान और साधना पर चर्चा
महाराज जी ने विराट कोहली को ध्यान और साधना के महत्व के बारे में बताया। विराट ने भी महाराज जी की बातों को गहनता से सुना। विराट और अनुष्का ने आश्रम में कुछ समय व्यतीत किया और आश्रम के वातावरण में मन की शांति का अनुभव किया।
संन्यास के बाद का आध्यात्मिक सफर
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद विराट कोहली का यह आध्यात्मिक सफर फैंस के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। विराट और अनुष्का के वृंदावन दौरे ने यह साफ कर दिया कि क्रिकेट के मैदान से हटने के बाद विराट ने जीवन के आध्यात्मिक पक्ष को भी समझने की कोशिश की है।
विराट कोहली का जीवन दर्शन
विराट कोहली के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि जीवन का हिस्सा था। अब संन्यास के बाद उनका वृंदावन आना यह संकेत देता है कि वह आत्म-खोज और शांति की राह पर हैं।
फैंस के बीच उत्सुकता
सोशल मीडिया पर विराट और अनुष्का की वृंदावन यात्रा की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। फैंस इस बदलाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। विराट कोहली के इस कदम ने उनके चाहने वालों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्रिकेट के मैदान के बाद विराट के जीवन का अगला अध्याय क्या होगा।
वृंदावन यात्रा का संदेश
विराट कोहली का वृंदावन दौरा यह बताता है कि चाहे जीवन में कितनी भी सफलता क्यों न हो, शांति और आध्यात्मिकता का महत्व हमेशा बना रहता है। विराट का यह निर्णय युवाओं को भी यह संदेश देता है कि मानसिक शांति के लिए आध्यात्मिकता को जीवन में स्थान देना जरूरी है