इस्लामाबाद:
India-Pak tension के बीच पाकिस्तान की राजनीति में एक बड़ी एकजुटता देखने को मिली है। भारत की ओर से संभावित सैन्य कार्रवाई की स्थिति में पाकिस्तान के लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने सेना के साथ मिलकर संयुक्त मोर्चा बनाने की सहमति जताई है।
यह फैसला पाकिस्तानी सेना की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) द्वारा रविवार देर रात आयोजित ब्रीफिंग के बाद सामने आया। इस ब्रीफिंग में ISPR के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने मौजूदा हालात की जानकारी साझा की।
डॉन अखबार के मुताबिक, इस बैठक में PPP के राजा परवेज अशरफ, कमर जमान काइरा, शाजिया मरी और PML-N के बैरिस्टर अकील, तारिक फजल चौधरी, तलाल चौधरी के साथ कश्मीरी नेता शाह गुलाम कादिर समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
हालांकि, इमरान खान की पार्टी PTI इस अहम बैठक में शामिल नहीं हुई। PTI ने इमरान खान की जेल से रिहाई की मांग को लेकर विरोध स्वरूप दूरी बनाए रखी।
बैठक के दौरान सभी दलों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर भारत हमला करता है, तो वे एक साथ खड़े होंगे और सेना के साथ मिलकर जवाब देंगे। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि सरकार सभी पार्टियों का फीडबैक लेकर साझा रणनीति बनाना चाहती है।
भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने के बाद दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान ने आरोपों से इनकार करते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।
आज इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की विशेष बैठक आयोजित की जा रही है, जिसकी मांग पाकिस्तान ने की थी। ग्रीस की अध्यक्षता में इसे मंजूरी मिली है। साथ ही, पाकिस्तान की संसद में भी आज विशेष सत्र बुलाया गया है।
पाक सेना ने राजनीतिक दलों को यह भी बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं।