Islamabad: भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) एक बार फिर चर्चा में है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को लेकर एक भड़काऊ और उकसाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर भारत ने पाकिस्तान जाने वाले नदियों के पानी को रोकने के लिए किसी तरह की संरचना बनाई तो पाकिस्तान उस पर सैन्य हमला करेगा और उसे पूरी तरह नष्ट कर देगा।
भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। तब से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और अब ये बयान उसकी कूटनीतिक असहायता और पानी पर बढ़ती बेचैनी को दिखाता है।
पाकिस्तान को डर है कि अगर भारत ने नदियों का प्रवाह रोक दिया, तो इसका सीधा असर उसकी खेती, पीने के पानी और आम जनता की जिंदगी पर पड़ेगा। खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यह मान चुके हैं कि भारत से आने वाला पानी ही 24 करोड़ पाकिस्तानियों की जीवनरेखा है।
जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत ने संधि के अंतर्गत मिलने वाले पानी का कुछ हिस्सा भी रोक लिया, तो पाकिस्तान में खेती ठप, जल संकट चरम पर और आर्थिक तबाही तय है।
भारत ने अब तक संधि का सम्मान किया है, लेकिन बार-बार के आतंकी हमलों और पाकिस्तान के उकसावे के चलते अब भारत का रुख सख्त होता जा रहा है।
पानी अब न सिर्फ जीवन की जरूरत बल्कि रणनीतिक हथियार बन चुका है। पाकिस्तान के नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वे ना सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति के लिए खतरा बन सकते हैं। भारत ने हमेशा शांति की पहल की है, लेकिन अगर उकसावे जारी रहे तो जवाब भी सख्त हो सकता है