ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल (All-Party Delegation) में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ओर से लोकसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) को प्रतिनिधि के रूप में चुना गया है। यह फैसला केंद्र सरकार और TMC के बीच हालिया तनावपूर्ण बातचीत के बाद लिया गया।
केंद्र की ‘बिना सलाह’ पर आपत्ति जताई TMC ने
केंद्र सरकार ने TMC सांसद यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया था, जिस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। ममता ने कहा, “अगर किसी पार्टी का प्रतिनिधित्व करना है तो उस पार्टी के नेतृत्व से पहले बात करनी चाहिए, न कि सिर्फ उनके सांसदों से।”
उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक शिष्टाचार का पालन नहीं कर रही और बिना परामर्श के निर्णय ले रही है, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है।
अभिषेक बनर्जी का स्पष्ट संदेश
अभिषेक बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार के रुख का समर्थन करती है। लेकिन किसी भी फैसले में पार्टी को नजरअंदाज करना अस्वीकार्य है।” उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे प्रतिनिधिमंडल में सेना के जवानों, वीरगति को प्राप्त हुए शहीदों के परिवारों, या सीमावर्ती इलाकों के नागरिकों को भी शामिल किया जाए।
TMC का रुख: राष्ट्रहित पहले, राजनीति बाद में
TMC ने दो टूक कहा है कि वह हर उस कदम में केंद्र का साथ देगी जो देश की सुरक्षा और एकता के लिए उठाया गया हो, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी राजनीतिक दलों को निर्णय प्रक्रिया में समान सम्मान और भागीदारी मिले।
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