भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के लाखों होम लोन ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती करते हुए इसे 6.25% से घटाकर 6% कर दिया है। यह इस साल की दूसरी कटौती है—पहली कटौती फरवरी में हुई थी जब रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% किया गया था। नई कटौती का सीधा असर उन ग्राहकों की EMI पर पड़ेगा जिनके लोन रेपो रेट से लिंक्ड हैं। इसका मतलब है—अब हर महीने की किस्त कम होगी और लंबी अवधि में लाखों रुपए की बचत संभव है।
EMI होगी सस्ती, लेकिन फायदा सबको नहीं मिलेगा
Bankbazaar.com के CEO आदिल शेट्टी बताते हैं कि वर्तमान में सबसे कम होम लोन रेट 8.10% से 8.35% के बीच मिल रहे हैं, लेकिन ये रेट्स उन्हीं लोगों को मिलते हैं जिनका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर है या जो लोन का रीफाइनेंस करवा रहे हैं। यानी हर ग्राहक को समान लाभ नहीं मिलेगा।
अगर आपका होम लोन अभी भी MCLR या बेस रेट से जुड़ा है, तो इस कटौती का असर धीरे-धीरे दिखेगा। शेट्टी की सलाह है कि ऐसे ग्राहक अपने लोन को तुरंत रेपो-लिंक्ड (EBLR) में बदलवा लें ताकि RBI की अगली कटौतियों का लाभ भी जल्द मिल सके।
ये कटौती क्यों है खास?
PL Capital के इकॉनमिस्ट अर्श मोगरे के अनुसार, इस बार की कटौती इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब भारत में 60% से ज्यादा बैंक लोन सीधे रेपो रेट से जुड़े हुए हैं। इससे RBI के पॉलिसी फैसलों का असर आम जनता तक पहले से कहीं तेजी से पहुंचता है। मोगरे का मानना है कि आने वाले महीनों में रेपो रेट और गिर सकता है और 2025 के अंत तक यह 5% से 5.25% के बीच आ सकता है। इससे होम लोन की ब्याज दरों में कुल मिलाकर 1% से 1.25% तक की कमी हो सकती है।
EMI में कितना फर्क पड़ेगा? जानिए गणना
अगर आपने ₹50 लाख का होम लोन 10% ब्याज दर पर 20 साल के लिए लिया है, तो मौजूदा EMI ₹48,251 बनती है। लेकिन यदि ब्याज दर घटकर 8% हो जाती है, तो EMI गिरकर ₹43,391 हो जाएगी। यानी हर महीने करीब ₹4,860 की सीधी बचत, और पूरे लोन की अवधि में लगभग ₹11.7 लाख की जबरदस्त बचत।
सभी ग्राहकों को तुरंत नहीं मिलेगा लाभ
हालांकि, ANAROCK ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि कुछ बैंक अब भी पुरानी कटौतियों का पूरा फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा पाए हैं। इसकी वजह बैंक की खुद की फंडिंग लागत और प्रॉफिट मार्जिन है। लेकिन अगर बैंक इस बार की पूरी कटौती पास ऑन करते हैं, तो खासतौर पर मिडल क्लास और अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के ग्राहकों को बहुत बड़ा फायदा होगा।
होम लोन ग्राहकों के लिए क्या है स्मार्ट रणनीति?
विशेषज्ञों की मानें तो मौजूदा स्थिति में होम लोन से जुड़ा कोई भी निर्णय सोच-समझकर लेने की ज़रूरत है:
- अगर नया लोन लेने की योजना है, तो थोड़ा इंतजार करें—ब्याज दरें और गिर सकती हैं।
- अगर आपका लोन अभी भी MCLR या बेस रेट पर है, तो उसे जल्द से जल्द रेपो लिंक्ड लोन में बदलें।
- फिक्स्ड रेट वाले लोन जो आमतौर पर NBFCs से लिए जाते हैं और 9.5% से 10% तक महंगे होते हैं, उन्हें फ्लोटिंग रेट में शिफ्ट करना बेहतर रहेगा।
- EMI में हुई बचत को प्री-पेमेंट या स्मार्ट निवेश में लगाकर अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकता है।
- कम ब्याज दरों के चलते लोन एलिजिबिलिटी बढ़ती है, जिससे बड़ा घर या टॉप-अप लोन लेने की राह खुल सकती है।
निष्कर्ष
RBI की इस रेपो रेट कटौती से न सिर्फ EMI कम होगी, बल्कि लंबे समय में लाखों रुपए की बचत भी संभव है। लेकिन इसका पूरा फायदा तभी मिलेगा जब आप सही समय पर अपने लोन स्ट्रक्चर में बदलाव करें। होम लोन सिर्फ एक वित्तीय ज़रूरत नहीं, एक दीर्घकालिक निवेश है—इसे स्मार्टली प्लान करना ही समझदारी है।