18 अप्रैल 2025, Yemen के रस इसा (Ras Isa) ऑयल पोर्ट पर अमेरिका द्वारा किए गए जबरदस्त एयरस्ट्राइक में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। यह हमला उस वक्त हुआ जब यमन के हूथी विद्रोही गुट इस बंदरगाह का इस्तेमाल कर रहे थे। इस हमले से इलाके में भारी तबाही और एक विशाल आग का गोला (Fireball) देखने को मिला।
क्या हुआ था हमला?
अमेरिकी सेना CENTCOM (U.S. Central Command) ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एयरस्ट्राइक हूथी विद्रोहियों के फ्यूल नेटवर्क को खत्म करने और उनके राजस्व स्रोतों को बंद करने के मकसद से किया गया था।
- टारगेट: Ras Isa Oil Port, Hodeida प्रांत में स्थित
- उद्देश्य: हूथी विद्रोहियों को आर्थिक रूप से कमजोर करना
- CENTCOM ने दावा किया कि यह हमला आम नागरिकों को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं था।
Huge fires are raging at Ras Isa port on #Yemen's #western coast, under #Houthi control, following joint #US–#UK #airstrikes that targeted the entire facility. pic.twitter.com/7dkkYOjUF0
— Md Badrul Hasan (@MdBadrulHasan16) April 18, 2025
हमले के बाद क्या हुआ?
हूथी समर्थक चैनल Al Masirah TV ने हमले की भयावह तस्वीरें साझा कीं, जिनमें शव, बिखरी चीज़ें और एक जलता हुआ ईंधन टर्मिनल साफ दिखा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले में पैरामेडिक्स और आम नागरिकों की भी जान गई है।
हूथी गुट ने इस हमले को “यमन की संप्रभुता पर खुला हमला” करार दिया और कहा कि यह पोर्ट वर्षों से आम यमनी नागरिकों की सेवा कर रहा था।
रणनीतिक महत्व क्यों है इस पोर्ट का?
- Ras Isa ऑयल पोर्ट यमन के लिए एक रणनीतिक रूप से अहम बंदरगाह है, जो Marib की तेल संपदा से पाइपलाइन के जरिए जुड़ा है।
- भले ही यमन में सरकारी तेल निर्यात बंद हो चुका है, लेकिन हूथी विद्रोही इस पोर्ट से ईंधन मंगाने और बेचने का काम लगातार कर रहे हैं।
बढ़ते तनाव की वजह क्या है?
यह हमला अमेरिका द्वारा पिछले कुछ हफ्तों से चलाए जा रहे एक बड़े मिलिट्री ऑपरेशन का हिस्सा है, जिसमें:
- मार्च से अब तक सैकड़ों एयरस्ट्राइक की जा चुकी हैं
- निशाना बने हैं: हूथी लॉन्च साइट्स, लीडर्स, और शहरी ढांचे
- हूथी गुट ने हाल ही में फिर से “इस्राइली” जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी थी
गौरतलब है कि नवंबर 2023 से अब तक हूथी विद्रोही 100 से अधिक कॉमर्शियल जहाजों पर हमला कर चुके हैं, जिनमें 2 जहाज डूब चुके और 4 नाविकों की जान जा चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं?
अब तक संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले पर चिंता जाहिर की है, लेकिन अमेरिका ने अपने बयान में साफ किया है कि इस ऑपरेशन का मकसद हूथी आतंकवाद को आर्थिक रूप से कमजोर करना है।
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