मुंबई | देश हरपल
देशभर में बढ़ते साइबर अपराधों को लेकर अब सरकारें गंभीर होती जा रही हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया कि राज्य सरकार साइबर अपराधों के खिलाफ एक संगठित और तकनीकी रूप से सशक्त योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अब अपराधियों से मुकाबला सिर्फ पुलिस की लाठी या हथकड़ी से नहीं, बल्कि तकनीक के ज़रिए किया जाएगा।
फडणवीस ने यह बात मुंबई पुलिस की साइबर शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही, जिसमें साइबर सुरक्षा, डेटा चोरी, ऑनलाइन फ्रॉड, और डिजिटल ट्रैकिंग जैसे विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने माना कि साइबर अपराध अब सिर्फ तकनीकी लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिक, व्यापारी, छात्र, यहां तक कि वरिष्ठ नागरिक भी इसके शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों में साइबर क्राइम के मामलों में भारी इजाफा हुआ है। हर दिन सैकड़ों की संख्या में ठगी, फिशिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी, फ़र्ज़ी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया हैकिंग की शिकायतें आ रही हैं। फडणवीस ने कहा, “अब लड़ाई अपराधियों से नहीं, उनके तकनीकी हथियारों से है। हमें पुलिस को तकनीक से लैस करना होगा।”
इस मौके पर उन्होंने महाराष्ट्र में ‘साइबर पुलिस स्टेशन’ की संख्या बढ़ाने, साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति, और आम जनता के लिए साइबर जागरूकता अभियान चलाने की भी बात कही। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस दिशा में एक ‘साइबर इंटेलिजेंस नेटवर्क’ खड़ा कर रही है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले साइबर हमलों को ट्रैक करने में सक्षम होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), डाटा ऐनालिटिक्स, और ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिस को और अधिक सक्षम बनाया जाएगा।
कार्यक्रम में मौजूद साइबर विशेषज्ञों ने भी इस बात पर ज़ोर दिया कि साइबर सुरक्षा अब राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
देश हरपल विशेष रिपोर्ट में हम आपको बता दें कि देश में 2024 में कुल साइबर अपराधों की संख्या में लगभग 35% की वृद्धि देखी गई है, और इसमें सबसे अधिक मामले ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड, OTP हैकिंग, और सोशल मीडिया हैकिंग से जुड़े हैं।