नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ (Reciprocal Tariff) अगले महीने 2 अप्रैल से लागू होने जा रहा है। इससे पहले ही दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। जापान का निक्केई (Nikkei), दक्षिण कोरिया का कोस्पी (Kospi) और अन्य एशियाई शेयर बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। अमेरिकी बाजारों पर भी इसका असर दिख रहा है।
क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?
रेसिप्रोकल टैरिफ अमेरिकी व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसके तहत अमेरिका उन देशों पर समान शुल्क लगाएगा जो अमेरिकी उत्पादों पर ऊंचा आयात शुल्क लगाते हैं। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि यह नीति अमेरिकी कंपनियों और निर्यातकों के हितों की रक्षा करेगी।
वैश्विक बाजारों पर असर
- जापान: टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निक्केई 225 (Nikkei 225) 2.3% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
- दक्षिण कोरिया: कोस्पी (Kospi) इंडेक्स में 1.8% की गिरावट दर्ज की गई है।
- हांगकांग: हैंगसेंग (Hang Seng) इंडेक्स 1.5% नीचे चला गया।
- चीन: शंघाई कंपोजिट (Shanghai Composite) भी 2% से ज्यादा फिसल गया।
- अमेरिका: डॉव जोंस (Dow Jones) और नैस्डैक (Nasdaq) पर भी दबाव दिख रहा है।
भारतीय बाजारों पर असर
भारतीय शेयर बाजार भी वैश्विक गिरावट की चपेट में आ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका अपने टैरिफ नीति को सख्ती से लागू करता है, तो भारतीय कंपनियों को भी नुकसान हो सकता है, खासतौर पर आईटी, फार्मा और ऑटोमोबाइल सेक्टर को।
आगे क्या?
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि अमेरिका अपनी इस नीति को पूरी तरह लागू करता है तो यह कई देशों के लिए चुनौती बन सकता है। कई सरकारें अमेरिका के इस फैसले का विरोध कर सकती हैं, जिससे आने वाले दिनों में व्यापार युद्ध (Trade War) की स्थिति भी बन सकती है।
(देश हरपल के लिए विशेष रिपोर्ट)