भोपाल सहित पूरे मध्यप्रदेश में सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा हैं । राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम सहित सभी शहरों में ईदगाह और मस्जिदों में नमाज-ए-खास अदा की गई और अमन-चैन तथा खुशहाली की दुआ मांगी गई।
हालांकि, इस बार ईद की नमाज के दौरान भोपाल में कुछ मुस्लिम धर्मावलंबियों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध किया। वहीं, ईदगाह के बाहर कुछ युवा फिलिस्तीन के समर्थन में बैनर लेकर खड़े नजर आए। मोती मस्जिद में भी यमन और फिलिस्तीन के साथ-साथ वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए विशेष दुआ की गई।
क्या है वक्फ अमेंडमेंट बिल और क्यों हो रहा विरोध?
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ अमेंडमेंट बिल को लेकर मुस्लिम समाज के कुछ वर्गों में असंतोष देखा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और उनके प्रबंधन पर असर पड़ेगा। हालांकि, सरकार का दावा है कि यह बिल पारदर्शिता लाने और अवैध कब्जों को रोकने के लिए लाया गया है।
मंत्री विश्वास सारंग का बयान – ‘बिना पढ़े विरोध गलत’
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने इस विरोध प्रदर्शन पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“जो लोग बिना बिल पढ़े इसका विरोध कर रहे हैं, वे गुमराह हैं। जब पाकिस्तान आतंकवादी हमला करता है, बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार होते हैं और कश्मीर में पंडितों पर जुल्म किया जाता है, तब ये लोग काली पट्टी क्यों नहीं बांधते?”
सारंग ने आगे कहा कि वक्फ संपत्तियों का वास्तविक लाभ गरीब मुस्लिमों को नहीं मिला है, बल्कि इसका फायदा केवल अमीर मुस्लिम नेताओं और अवैध कब्जेदारों ने उठाया है। उन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में लगाए गए बैनरों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“भारत में फिरकापरस्ती और उन्माद फैलाने की कोशिश को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
भोपाल में शांतिपूर्ण माहौल, पुलिस सतर्क
हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बावजूद भोपाल और अन्य शहरों में ईद का त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जा रहा हैं । पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ।
मध्यप्रदेश में इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल और फिलिस्तीन के समर्थन को लेकर और क्या प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं।