जबलपुर शहर के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी शराब दुकानों के खिलाफ विरोध की लहर उठने लगी है। चरगवां गांव से हटाकर जबलपुर-सिवनी बॉर्डर के पास सिमरिया गांव में बनाई जा रही शराब दुकान को लेकर स्थानीय महिलाओं और जनप्रतिनिधियों में जबरदस्त आक्रोश है।
गुरुवार को सिमरिया गांव की दर्जनों महिलाएं जिला पंचायत सदस्य के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं और शराब दुकान के निर्माण के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों का आरोप है कि यह निर्णय बिना ग्रामसभा की सहमति के लिया गया है।
“शांति भंग होगी, युवा नशे की चपेट में आएंगे”
स्थानीय महिलाओं ने साफ कहा कि उनका गांव अब तक शांतिपूर्ण रहा है, लेकिन शराब दुकान खुलने से सामाजिक माहौल बिगड़ेगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर असर पड़ेगा और युवाओं में नशे की लत बढ़ेगी, जिससे उनके भविष्य और परिवार बर्बाद होंगे।
परिक्षेत्र से बाहर शिफ्टिंग, आबकारी नीति का उल्लंघन!
ग्रामीणों ने कहा कि शराब दुकान को सिमरिया स्थानांतरित करना मध्य प्रदेश की आबकारी नीति के खिलाफ है। नीति के अनुसार, दुकान को तय क्षेत्र के भीतर ही शिफ्ट किया जा सकता है, जबकि सिमरिया चरगवां से करीब 12 किलोमीटर दूर है।
जिला पंचायत सदस्य ने दी आंदोलन की चेतावनी
जिला पंचायत सदस्य ने सवाल उठाया कि जब चरगवां में सालों से दुकान थी और कोई विरोध नहीं था, तो अचानक सिमरिया में निर्माण क्यों शुरू किया गया? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह दुकान ग्रामीणों की सहमति के बिना स्थापित की गई, तो पुरजोर आंदोलन होगा।

आबकारी विभाग करेगा जांच
ग्रामीणों की शिकायत पर सहायक आबकारी आयुक्त संजीव सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने संबंधित सर्किल अधिकारी को मौके पर जाकर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।