अमेरिका और कनाडा के रिश्तों में हाल ही में तनाव बढ़ गया है। इसकी वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान हैं, जिनमें उन्होंने कनाडा को अमेरिका में मिलाने का सुझाव दिया। इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस प्रस्ताव को सख्ती से खारिज कर दिया। इस बयानबाजी के बाद दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट देखने को मिल रही है। आइए जानते हैं कि इस विवाद का क्या असर हो सकता है।
ट्रंप ने दिया कनाडा को अमेरिका में शामिल करने का सुझाव
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि अमेरिका हर साल कनाडा को 100 अरब डॉलर से अधिक की सब्सिडी देता है। इस आधार पर उन्होंने सुझाव दिया कि कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बना देना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि इससे दोनों देशों को आर्थिक और सुरक्षा लाभ होंगे।
ट्रूडो ने दिया करारा जवाब
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्रंप के इस प्रस्ताव को सख्ती से नकार दिया। उन्होंने कहा कि कनाडा हमेशा स्वतंत्र और संप्रभु रहेगा। ट्रूडो ने स्पष्ट किया कि उनका देश अमेरिका के अधीन नहीं जाएगा और अपनी स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं करेगा।
क्या कनाडा ने अमेरिका से तोड़ दिए रिश्ते?
हालांकि, इस बयानबाजी के बाद भी कनाडा और अमेरिका के बीच राजनयिक और व्यापारिक रिश्ते यथावत हैं। अभी तक दोनों देशों ने अपने कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है। हालांकि, इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों में तनाव जरूर बढ़ गया है।
इस विवाद का असर क्या होगा?
इस तरह के बयानों से दोनों देशों के व्यापारिक और राजनीतिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। अमेरिका और कनाडा एक-दूसरे के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं, ऐसे में अगर तनाव बढ़ता है, तो इसका असर वैश्विक बाजार पर भी पड़ सकता है।
फिलहाल, ट्रूडो सरकार अमेरिका के साथ अपने संबंधों को संतुलित बनाए रखने की कोशिश कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह विवाद और कितना गहराता है या फिर दोनों देश इसे सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं।