नेपाल में हाल ही में पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के समर्थकों द्वारा राजशाही की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए हैं। इन प्रदर्शनों के बीच, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और अन्य प्रमुख नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नेपाल में राजशाही की वापसी संभव नहीं है। प्रधानमंत्री ओली ने सुझाव दिया कि यदि पूर्व राजा को अपनी लोकप्रियता पर विश्वास है, तो उन्हें संविधान के अनुसार अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ना चाहिए
नेपाल में राजशाही समर्थक गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जिसमें पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह की सक्रिय भूमिका की चर्चा हो रही है। राजशाही समर्थक पार्टी ‘राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी’ भी देश के विभिन्न हिस्सों में राजशाही की बहाली के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित कर रही है
प्रधानमंत्री ओली ने इन गतिविधियों के पीछे भारत की भूमिका का आरोप लगाया है और संसद में इस मुद्दे को उठाने की बात कही है। उन्होंने पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह को गिरफ्तार कराने की भी कसम खाई है
इन घटनाओं के बीच, नेपाल की राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पूर्व राजा के समर्थकों की बढ़ती सक्रियता और सरकार की सख्त प्रतिक्रिया से देश में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है। आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति में और भी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।