भोपाल, 15 अप्रैल | देश हरपल ब्यूरो
भोपाल के एक युवा द्वारा की गई एक साधारण सी कल्पना आधारित पूछताछ अब चर्चा का विषय बन चुकी है। कुछ दिन पहले इस युवा ने दुनिया के सबसे लोकप्रिय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल ChatGPT से यह सवाल किया कि “यदि भोपाल पर अंग्रेजों का कब्जा नहीं होता और नवाबों का ही शासन बना रहता तो भोपाल कैसा दिखता?”

इस सवाल के जवाब में AI ने एक काल्पनिक छवि तैयार की, जिसमें भोपाल को पूरी तरह एक इस्लामिक राजशाही प्रभाव वाले शहर की तरह दिखाया गया है। तस्वीर में ऊँची-ऊँची मीनारें, विशाल गुम्बद वाली मस्जिदें, मुग़ल शैली की इमारतें और हरियाली लिए हरे रंग के गुंबद प्रमुख रूप से दिखाई दे रहे हैं।
हालांकि AI द्वारा बनाई गई यह तस्वीर कल्पनाशीलता पर आधारित है, लेकिन इसमें भोपाल की विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का अभाव महसूस किया गया। शहर के कई नागरिकों और इतिहास के जानकारों का कहना है कि भोपाल की पहचान केवल नवाबी शासन या मुग़ल वास्तुकला तक सीमित नहीं रही है।
भोपाल की वास्तुकला में जहाँ एक ओर ताज-उल-मस्जिद जैसी ऐतिहासिक मस्जिदें हैं, वहीं भारत भवन, भीम बेटका की गुफाएं और आदिवासी संस्कृति की छाप भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
मुद्दा उठता है — क्या AI जैसे प्लेटफॉर्म भारत जैसे सांस्कृतिक रूप से विविध देश की पूरी तस्वीर पेश करने में सक्षम हैं?
टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का मानना है कि AI अपने उत्तरों को प्रशिक्षित डेटा और एल्गोरिदम के आधार पर बनाता है, जिसमें कभी-कभी एकपक्षीय छवि उभर सकती है। ऐसे में यूज़र्स को भी यह समझना होगा कि AI द्वारा दी गई तस्वीरें या जवाब कल्पना आधारित हो सकते हैं, और उनका ऐतिहासिक या सामाजिक संतुलन जरूरी नहीं।
देश हरपल इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में विशेषज्ञों, इतिहासकारों और तकनीकी विशेषज्ञों की राय के साथ एक विस्तृत चर्चा प्रकाशित करेगा।