नई दिल्ली: लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया जाएगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे इसे सदन में चर्चा के लिए रखेंगे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस बिल पर 8 घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया है, जिसमें से NDA को 4 घंटे 40 मिनट का समय मिलेगा, जबकि शेष समय विपक्ष को दिया गया है।
TDP और JDU का समर्थन, सभी सांसदों को व्हिप जारी
विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इन दोनों दलों ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप भी जारी किया है। TDP और JDU के समर्थन के बाद NDA के पास सदन में विधेयक को पारित कराने की पर्याप्त संख्या बल है।
विपक्ष हमलावर, चर्चा का समय बढ़ाने की मांग
विपक्ष इस विधेयक के विरोध में एकजुट हो रहा है। मुख्य विपक्षी दलों के अलावा, कुछ तटस्थ मानी जाने वाली पार्टियां भी विरोध में आ गई हैं। इनमें तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक (AIADMK), नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD) और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (BRS) शामिल हैं। इन दलों ने भी I.N.D.I.A गठबंधन के दलों के साथ मिलकर विधेयक का विरोध करने का फैसला किया है।
बिल पर अपनी रणनीति तय करने के लिए बीते दिन I.N.D.I.A ब्लॉक के नेताओं ने संसद भवन में बैठक की। विपक्ष का कहना है कि 8 घंटे का समय पर्याप्त नहीं है, इसलिए उन्होंने चर्चा का समय बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग की है।
रिजिजू बोले- समय बढ़ाने पर विचार संभव
इस मांग के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा,
“देश भी जानना चाहता है कि किस पार्टी का क्या स्टैंड है। अगर विपक्ष को और समय चाहिए, तो हम इस पर विचार कर सकते हैं।”
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक 2025?
वक्फ संपत्तियों से जुड़े प्रावधानों में बदलाव लाने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है। इस विधेयक को लेकर सरकार का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ेगी और विवादों को सुलझाने की प्रक्रिया को स्पष्ट किया जाएगा। हालांकि, विपक्ष को इसमें कई आपत्तियां हैं और वे इसे संप्रदाय विशेष के खिलाफ बताया जा रहा है।
क्या होगा आगे?
आज लोकसभा में होने वाली चर्चा के दौरान इस पर तीखी बहस होने की संभावना है। जहां NDA के पास इस बिल को पारित कराने के लिए संख्याबल है, वहीं विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाने के मूड में है। अगर चर्चा का समय बढ़ाया जाता है, तो विपक्ष को अपनी बात रखने के लिए और अधिक अवसर मिलेंगे। अब देखना होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच इस पर क्या समझौता होता है और विधेयक किन संशोधनों के साथ पारित होता है।
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