जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल Pahalgam के बैसरन घाटी में सोमवार शाम एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई और 30 से अधिक घायल हुए। यह हमला उस समय हुआ जब सैकड़ों पर्यटक बैसरन में सैर कर रहे थे। आतंकी जंगल की ओर से आए और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
आतंकियों की पहचान और समूह का खुलासा
इस भीषण हमले की ज़िम्मेदारी आतंकवादी संगठन ‘कश्मीर रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध माना जाता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त जांच में इस हमले में शामिल चार आतंकियों की पहचान की गई है। इनमें दो पाकिस्तानी आतंकियों – अबू हमजा और अबू ताल्हा, तथा दो स्थानीय आतंकवादी – फैयाज़ अहमद लोन (अनंतनाग) और शोएब मीर (कुलगाम) के रूप में पुष्टि हुई है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इन आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर योजनाबद्ध तरीके से इस हमले को अंजाम दिया था, जिसका मकसद अमरनाथ यात्रा से पहले डर का माहौल बनाना था।

गिरफ्तारियां और हथियार बरामद
पुलिस ने इस हमले में शामिल दो ‘हाइब्रिड आतंकियों’ को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है। गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ जारी है जिससे और जानकारी सामने आने की उम्मीद है।
सुरक्षा समीक्षा और कड़ी कार्रवाई के निर्देश
Pahalgam हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव ने घाटी में सुरक्षा हालात की समीक्षा की और सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा
इस जघन्य हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कड़ी निंदा हो रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और श्रीलंका सरकार ने इस घटना पर दुख जताते हुए भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी इस हमले की निंदा की और आतंकवाद के हर स्वरूप को खारिज किया।
बैसरन घाटी में फिर से सामान्य स्थिति लाने के प्रयास
हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को सील कर दिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटकों से फिलहाल पहलगाम क्षेत्र की यात्रा न करने की अपील की है।
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