नई दिल्ली।
Pahalgam Terror Attack के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की खाई और चौड़ी हो गई है। इस बार सिर्फ राजनयिक बयानबाज़ी नहीं हुई, Diplomatic Fallout इतना गहरा है कि दोनों देशों की सरकारों ने एक-दूसरे के नागरिकों को फौरन देश छोड़ने का आदेश दे दिया है। लेकिन इस एक फैसले ने एक अनदेखी Fault Line को सबके सामने उजागर कर दिया है—उन भारतीय महिलाओं की, जिन्होंने पाकिस्तानियों से शादी की थी।
इनमें से अधिकांश महिलाएं जम्मू-कश्मीर और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों से हैं, जो कभी प्यार तो कभी धोखे में सीमा पार चली गई थीं। अब जबकि दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है, तो पाकिस्तान सरकार ने उन्हें वापसी देने से इनकार कर दिया है। भारत सरकार की तरफ से उन्हें अपने वीज़ा या निवास को लेकर स्पष्ट निर्देश नहीं मिल रहे हैं, जिससे वे Legal Limbo में फंस गई हैं।
Cross-Border Marriage Crisis: पाकिस्तान से रिश्ता, भारत में शक
भारत में इन महिलाओं को दोहरी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है—एक तरफ वे कानूनी मान्यता के लिए संघर्ष कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ उन पर पाकिस्तानी जासूसी एजेंसियों से जुड़े होने का शक किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ऐसे मामलों में महिलाएं कई बार अनजाने में या मजबूरी में Spy Tools बन जाती हैं।
Social और National Security Concern बनती महिलाएं
जानकारों का मानना है कि ऐसे मामलों में कई बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इन महिलाओं का इस्तेमाल ‘स्लीपर सेल’ या ‘soft espionage’ के लिए करती है। उन्हें भारत भेज कर संवेदनशील इलाकों में बसाया जाता है।
जब ये महिलाएं लौटती हैं, तो उनके पास Pakistan की रहन-सहन, नेटवर्क और विचारधारा का असर होता है, जो आगे जाकर भारत की सुरक्षा नीति के लिए चिंता बन सकता है।