Supreme Court ने सोमवार को OTT Platforms और Social Media पर अश्लील और आपत्तिजनक (Obscene and Indecent) कंटेंट के बढ़ते प्रसार पर गहरी चिंता जताई है। Court ने इस मुद्दे पर दायर Public Interest Litigation (PIL) को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है और Netflix, Amazon Prime, AltBalaji, Ullu Digital, Mubi, X (Twitter), Google, Meta (Facebook, Instagram) और Apple सहित कई डिजिटल दिग्गजों को नोटिस जारी किया है।
Supreme Court ने क्यों जताई चिंता?
Justice BR Gavai और Justice AG Masih की बेंच ने कहा कि यह याचिका “महत्वपूर्ण सार्वजनिक चिंता” (Important Public Concern) उठाती है। सुनवाई के दौरान Justice Gavai ने कहा:
“Netflix व अन्य प्लेटफॉर्म्स की भी Social Responsibility बनती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि OTT Platforms और Social Media पर अश्लील कंटेंट का प्रसार समाज के लिए खतरनाक है और इस पर ध्यान देना जरूरी है।
Solicitor General ने क्या कहा?
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वकील Vishnu Shankar Jain ने तर्क दिया कि यह मामला कोई विरोधी मुकदमा (Adversarial Litigation) नहीं, बल्कि एक Genuine Concern को उठाता है।
Justice Gavai ने Solicitor General Tushar Mehta से केंद्र सरकार का रुख पूछा। SG Mehta ने सहमति जताते हुए कहा:
“कुछ Content इतना Perverted है कि दो सम्माननीय लोग भी साथ बैठकर नहीं देख सकते।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि:
- पूर्ण Censorship सही समाधान नहीं है।
- लेकिन कुछ हद तक Regulation (नियमन) अत्यंत आवश्यक है।
- कुछ Existing Rules लागू हैं, और अतिरिक्त नए Regulations पर केंद्र सरकार विचार कर रही है।
Supreme Court का आदेश
Supreme Court ने अपने आदेश में कहा:
“यह याचिका OTT Platforms और Social Media पर आपत्तिजनक, अश्लील और विकृत (Perverted) कंटेंट के प्रदर्शन पर गंभीर चिंता उठाती है। Solicitor General ने भी माना कि और अधिक Regulations की आवश्यकता है।”
याचिकाकर्ता कौन हैं?
इस याचिका के मुख्य याचिकाकर्ता वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सूचना आयुक्त Uday Mahurkar हैं। उनके साथ Sanjeew Newar, Sudeshna Bhattacharjya Mukherjee, Shatabdi Pande और Svati Goyal अन्य याचिकाकर्ता हैं।
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