1 मई 2025 – Supreme Court ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इसे गैर-ज़िम्मेदार बताते हुए कहा कि ऐसे वक्त में सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने वाली याचिकाएं नहीं लाई जानी चाहिए।
Supreme Court ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) को सख्त शब्दों में खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसे समय में इस तरह की याचिकाएं देश की सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल गिरा सकती हैं।
22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कई पर्यटक भी शामिल थे। इस दर्दनाक घटना के बाद तीन नागरिक – मोहम्मद जुनैद, फतेह कुमार साहू और विक्की कुमार – ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच की मांग की थी।
लेकिन जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस याचिका को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया और स्पष्ट शब्दों में कहा:
“ऐसी याचिकाएं सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ती हैं। यह समय एकजुट होकर आतंक के खिलाफ खड़े होने का है, न कि जांच के नाम पर अफसरों को कटघरे में खड़ा करने का। देश के लिए जिम्मेदार बनिए।”
कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि न्यायिक जांच की मांग क्यों की जा रही है, जबकि जांच की ज़िम्मेदारी पहले से ही एजेंसियों के पास है।
“हम न्याय करते हैं, जांच नहीं। रिटायर्ड जज जांच के विशेषज्ञ नहीं होते। हर मामले में न्यायिक आयोग बना देना समाधान नहीं है,” कोर्ट ने कहा।
इन सख्त टिप्पणियों के बाद याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका वापस ले ली। Supreme Court ने याचिका को वापस लेने की अनुमति तो दी, लेकिन साफ कर दिया कि भविष्य में ऐसी याचिकाएं दाखिल करने से पहले राष्ट्रीय भावना और ज़िम्मेदारी को समझना ज़रूरी है।
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