नई दिल्ली:
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन से जुड़े वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। यह विधेयक कल दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा, जिस पर 8 घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है। हालांकि, विपक्ष ने इस चर्चा को 12 घंटे तक बढ़ाने की मांग की है, जिससे यह साफ हो गया है कि इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच बड़ा टकराव हो सकता है।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन भारत में वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत किया जाता है। वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों को नियंत्रित करता है। हालांकि, समय-समय पर इस अधिनियम को लेकर विवाद होते रहे हैं।
नए संशोधन में क्या बदलाव किए जा रहे हैं?
- वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय: सरकार का मानना है कि कई जगह वक्फ बोर्ड के अधीन संपत्तियों में अनियमितताएं पाई गई हैं। नया कानून इन संपत्तियों की सटीक सूची और रिकॉर्ड रखने पर ज़ोर देगा।
- भूमि विवादों को कम करने का प्रयास: देशभर में वक्फ संपत्तियों पर कब्जे और विवाद की कई शिकायतें हैं। संशोधन के बाद, सरकार वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए नए नियामक प्रावधान लागू कर सकती है।
- वक्फ बोर्ड की जवाबदेही बढ़ेगी: अब बोर्ड को केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के प्रति जवाबदेह बनाया जा सकता है।
- अनधिकृत कब्जों पर सख्ती: अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया तेज की जाएगी।
विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध
इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने तीखा विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे समुदाय के खिलाफ बताया और कहा,
“सरकार बिना सभी पक्षों को सुने यह विधेयक लाना चाहती है, जो पूरी तरह अनुचित है। यह मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों पर हमला है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और पूरी ताकत से इसका विरोध करेंगे।”
कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने भी विधेयक पर चर्चा का समय बढ़ाने की मांग की है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा,
“यह कानून देश के लाखों लोगों को प्रभावित करेगा, इसलिए इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। केवल 8 घंटे की चर्चा काफी नहीं है।”
योगी आदित्यनाथ का समर्थन, कहा- बदलाव समय की मांग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विधेयक का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा,
“देश में वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग बहुत ज़रूरी है। यह संशोधन पारदर्शिता लाने और गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए किया जा रहा है।”
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि,
“वक्फ संपत्तियों को लेकर वर्षों से विवाद और अनियमितताएं रही हैं। अगर कोई बदलाव किया जा रहा है, तो वह राष्ट्रहित और समाजहित में है।”
विधेयक के समर्थक और विरोधी कौन?
इस विधेयक को लेकर दो खेमे बन चुके हैं।
✅ समर्थक (BJP, JDU, AIADMK) – इन दलों का कहना है कि यह विधेयक संपत्तियों का सही प्रबंधन सुनिश्चित करेगा और भ्रष्टाचार को रोकेगा।
❌ विरोधी (SP, Congress, TMC, AIMIM, Left) – विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार इस कानून के ज़रिए वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करना चाहती है और अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
अब आगे क्या होगा?
- लोकसभा में कल 12 बजे विधेयक पेश होगा।
- 8 घंटे की चर्चा के बाद वोटिंग होगी।
- अगर विधेयक लोकसभा में पारित हो जाता है, तो इसे राज्यसभा में भेजा जाएगा।
- अगर राज्यसभा में भी बहुमत मिल गया, तो यह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा।
निष्कर्ष:
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिल सकता है। सरकार इसे भ्रष्टाचार रोकने वाला कदम बता रही है, जबकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ साजिश करार दे रहा है। कल संसद में होने वाली बहस के बाद ही यह तय होगा कि यह विधेयक पास होगा या नहीं।