“देश हरपल” विशेष रिपोर्ट दिनांक: 4 अप्रैल 2025
देश हरपल ब्यूरो
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक जंग ने एक बार फिर तगड़ा मोड़ ले लिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो 2024 में दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, अब चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरने में पूरी आक्रामकता दिखा रहे हैं।
अमेरिका ने लगाया 34% टैरिफ, चीन ने दिया जवाब
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रम्प ने 60 देशों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसमें चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया। इससे पहले ट्रम्प प्रशासन ने एक महीने में दो बार चीन पर 10-10% टैरिफ लगाया था। अब चीन पर कुल मिलाकर 54% आयात शुल्क लागू हो चुका है।इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर 34% का जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, जो 10 अप्रैल 2025 से लागू होगा।
ट्रम्प ने इस मुद्दे पर ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“चीन ने गलत कदम उठाया है। वे घबरा गए हैं। यह एक ऐसी चीज है जिसे वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। चीन का जवाबी टैरिफ उन्हें बहुत भारी पड़ेगा।”
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा,
“अमेरिका का यह कदम WTO नियमों का उल्लंघन है। इससे चीन के कानूनी व्यापारिक अधिकारों का हनन हो रहा है। हम अपने अधिकारों की रक्षा करेंगे।”
ट्रम्प की नीति: ‘अमेरिका फर्स्ट’ 2.0
ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उन्होंने व्यापारिक मोर्चे पर ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को और तेज़ कर दिया है। ट्रम्प का मानना है कि चीन वर्षों से अमेरिकी व्यापार और टेक्नोलॉजी का शोषण करता आया है और अब समय आ गया है कि अमेरिका मजबूत जवाब दे।
ट्रम्प प्रशासन का दावा है कि नए टैरिफ से चीन की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और अमेरिकी उद्योगों को फायदा होगा।
वैश्विक बाजारों पर असर
इस व्यापार युद्ध के कारण वैश्विक बाजारों में हलचल देखने को मिल रही है। एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट आई है, वहीं डॉलर में मजबूती देखी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टकराव लंबा चला, तो इससे वैश्विक सप्लाई चेन और आर्थिक स्थिरता पर बुरा असर पड़ सकता है।
भारत के लिए अवसर या चुनौती?
भारत के लिए यह परिस्थिति दोधारी तलवार की तरह है। एक ओर जहां अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव से भारत को वैकल्पिक सप्लायर बनने का मौका मिल सकता है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता का असर भारत की निर्यात नीति पर भी पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रम्प की चीन को लेकर आक्रामक नीति एक बार फिर वैश्विक व्यापार जगत को नई दिशा दे रही है। आने वाले हफ्तों में इस व्यापार युद्ध का असर न केवल अमेरिका और चीन, बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर दिखेगा।
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