अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 26% अतिरिक्त टैरिफ (टैक्स) लगाने का ऐलान किया है। इस फैसले का असर भारत सहित कई देशों पर पड़ सकता है। भारत सरकार इस टैरिफ के प्रभाव का विश्लेषण कर रही है और इसका हल निकालने की कोशिश कर रही है।
टैरिफ कब लागू होगा?
टैरिफ दो चरणों में लागू होगा:
- 5 अप्रैल से – अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% अतिरिक्त टैक्स लगेगा।
- 10 अप्रैल से – भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर कुल 26% टैरिफ लागू होगा।
भारत सरकार की रणनीति
भारत सरकार ने पहले से ही इस स्थिति से निपटने की तैयारी कर रखी थी। वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर नजर बनाए रखने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया था।
सरकार का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह नुकसानदायक नहीं है, क्योंकि अभी बातचीत की गुंजाइश बाकी है। ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि अगर कोई देश अमेरिका की व्यापारिक चिंताओं को दूर करता है, तो टैरिफ में राहत मिल सकती है।
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की कोशिशें
भारत ने इस टैरिफ से छूट पाने के लिए पहले ही अमेरिका से बातचीत शुरू कर दी थी। इसी सिलसिले में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल पिछले महीने अमेरिका गए थे। दोनों देशों के बीच एक व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है, जिसका पहला चरण सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने की योजना है।
इसके अलावा, भारत पहले ही कुछ कदम उठा चुका है:
- 1 फरवरी को पेश हुए केंद्रीय बजट में कस्टम ड्यूटी घटाई गई।
- अधिकतम कस्टम ड्यूटी 150% से घटाकर 70% कर दी गई।
- औसत आयात शुल्क 13% से घटाकर 11% कर दिया गया।
डोनाल्ड ट्रंप का बयान और भारत पर असर
2 अप्रैल को ट्रंप ने इस टैरिफ की घोषणा की और इसे “लिबरेशन डे” (मुक्ति दिवस) करार दिया। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी उद्योग को फिर से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, “भारत हमसे 52% टैक्स लेता है, जो बहुत ज्यादा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने उनसे कहा कि यह सही नहीं है।”
उन्होंने बताया कि अमेरिका ने भारत पर “डिस्काउंटेड” यानी रियायती टैरिफ लगाया है, जो 26% है।
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
भारत सरकार इस टैरिफ के प्रभाव का विश्लेषण कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
क्या होगा आगे?
- भारत अमेरिका से बातचीत जारी रखेगा ताकि इस टैरिफ को कम किया जा सके।
- व्यापार समझौते पर तेजी से काम होगा।
- सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए नए कदम उठा सकती है।