मॉस्को, 23 मई 2025: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच मॉस्को एयरपोर्ट (Moscow Airport) पर एक बड़ा ड्रोन हमला (Drone Attack) उस समय हुआ जब DMK सांसद कनिमोझी (Kanimozhi) के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल (Indian Delegation) रूस पहुंचने वाला था। हमले के कुछ ही समय पहले यह प्रतिनिधिमंडल विनुकोवो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Vnukovo International Airport) पर लैंड करने वाला था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
Drone Attack के चलते रूस में हड़कंप
रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रूसी एयर डिफेंस सिस्टम (Russian Air Defense) ने मॉस्को की ओर आ रहे तीन ड्रोन (Three Drones) को समय रहते मार गिराया। इस हमले के बाद मॉस्को के तीन बड़े हवाई अड्डों – Vnukovo, Domodedovo और Sheremetyevo – पर कुछ समय के लिए उड़ानों पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब सभी हवाई सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।
एक ही सप्ताह में 485 ड्रोन हमले
इस घटना से पहले, रूस ने दावा किया था कि 19 से 22 मई के बीच उसने 485 यूक्रेनी ड्रोन (Ukrainian Drones) को मार गिराया है। इन हमलों में मॉस्को, रियाज़ान और येल्त्स जैसे इलाकों को निशाना बनाया गया। येल्त्स के एक प्लांट से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जबकि रियाज़ान की ऑयल रिफाइनरी में भारी आग लग गई थी।
विदेशी डेलीगेशन पर बढ़ते खतरे
ड्रोन हमले की टाइमिंग बेहद संवेदनशील थी क्योंकि उसी समय भारतीय सांसदों का डेलीगेशन रूस में लैंड कर रहा था। हालांकि, किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और सभी सदस्य सुरक्षित हैं। यह घटना अंतरराष्ट्रीय डेलीगेशन की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में ड्रोन की भूमिका
Russia-Ukraine War में अब ड्रोन हमले एक महत्वपूर्ण रणनीतिक हथियार बन चुके हैं। ये हमले न केवल सैन्य, बल्कि नागरिक इलाकों और उद्योगों को भी निशाना बना रहे हैं। इससे रूस की सुरक्षा तैयारियों की भी पोल खुल रही है।
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