वॉशिंगटन, मई 2025 — अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की सख्त नीति के चलते Harvard University की SEVP (Student and Exchange Visitor Program) सर्टिफिकेशन रद्द कर दी गई है। इस फैसले से यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 788 भारतीय छात्रों की शिक्षा और भविष्य पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
क्या है मामला?
ट्रंप प्रशासन ने आरोप लगाया है कि हार्वर्ड ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों से जुड़ी गतिविधियों—खासकर कैंपस में हुए राजनीतिक विरोध प्रदर्शन—की उचित रिपोर्टिंग नहीं की। इस कारण यूनिवर्सिटी की SEVP मान्यता को निलंबित कर दिया गया है, जिससे अब वह नए या मौजूदा विदेशी छात्रों को वैध रूप से पढ़ा नहीं सकती।

🇮🇳 भारतीय छात्रों पर असर
- 788 भारतीय छात्र प्रभावित – इन छात्रों को या तो दूसरी यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर होना होगा या फिर अमेरिका में अपनी वैध स्थिति गंवानी पड़ सकती है।
- Graduating Students को राहत – जो छात्र इस सेमेस्टर में स्नातक हो रहे हैं, वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे।
- New Admissions पर रोक – 2025 के फॉल सेशन में आने वाले नए छात्रों का प्रवेश अभी अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
72 घंटे में वापसी का मौका
Harvard को अमेरिका सरकार की ओर से 6 प्रमुख शर्तों के साथ 72 घंटे का समय दिया गया है, जिनमें यह स्पष्ट करना शामिल है कि यूनिवर्सिटी ने किन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के खिलाफ क्या कार्रवाई की। यदि यूनिवर्सिटी इन शर्तों को पूरा करती है, तो उसकी SEVP मान्यता बहाल की जा सकती है।
कोर्ट से आंशिक राहत
इस बीच कैलिफोर्निया की एक फेडरल अदालत ने ट्रंप प्रशासन के उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिसके तहत हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा को रद्द किया जाना था। अदालत ने कहा कि हर छात्र के मामले को व्यक्तिगत रूप से जांचा जाना चाहिए।
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