Mahavir Jayanti 2025
10 अप्रैल 2025 को महावीर जयंती और प्रदोष व्रत एक ही दिन आ रहे हैं, जो आध्यात्मिक दृष्टिकोण से एक अत्यंत पावन संयोग है। यदि इस दिन व्यक्ति सत्य, संयम और भक्ति के साथ दिन बिताता है, तो न केवल आत्मिक शांति मिलती है बल्कि जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि भी आती है।
महावीर स्वामी जयंती और प्रदोष व्रत 2025: क्यों और कैसे मनाएं, क्या करें और क्या न करें?
🔶 महावीर स्वामी जयंती 2025:
तारीख – 10 अप्रैल 2025 (गुरुवार)
म🌼 महावीर स्वामी जयंती क्यों मनाई जाती है?
भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। उनका जन्म चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को बिहार के कुंडलपुर में हुआ था। अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों पर आधारित उनका जीवन आज भी मानवता के लिए प्रेरणा है। इस दिन को जैन समुदाय विशेष श्रद्धा, ध्यान और परोपकार के कार्यों के साथ मनाता है।
🙏 कैसे मनाएं महावीर जयंती 2025 को?
🔹 प्रभात फेरी एवं शोभा यात्रा – भगवान महावीर की प्रतिमा के साथ नगर भ्रमण
🔹 जप और ध्यान – ‘नवकार मंत्र’ का जाप करें और आत्म-शुद्धि हेतु ध्यान करें
🔹 पंचशील व्रत का पालन – अहिंसा, सत्य, चोरी न करना, ब्रह्मचर्य और त्याग
🔹 परोपकार – जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दवाई दान करें
🔹 स्व-शुद्धि – आज के दिन मन, वचन और कर्म से किसी को आघात न पहुँचाएं
🔹 भोजन में संयम – उपवास रखें या सादा सात्विक भोजन ग्रहण करें
🛑 क्या न करें इस दिन?
🚫 मांस, मदिरा या तामसिक भोजन का सेवन
🚫 किसी जीव को नुकसान पहुँचाना या हिंसा
🚫 असत्य भाषण, लालच या अपमानजनक आचरण
🕉️ क्या करने से मिलेगा विशेष फल?
- पूरे दिन व्रत रखें या कम से कम एक समय फलाहार लें।
- क्रोध, हिंसा, झूठ और लालच से दूर रहें।
- ध्यान और आत्मचिंतन करें – आत्मशुद्धि के लिए।
🔶 प्रदोष व्रत 2025 (10 अप्रैल – गुरुवार प्रदोष):
महत्व – प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और यह त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। जब यह व्रत गुरुवार को आता है, तो इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है, जो विशेष फलदायी माना जाता है।
✅ कैसे करें प्रदोष व्रत:
- 🌅 स्नान कर व्रत का संकल्प लें
- 🕯️ शाम को सूर्यास्त के बाद शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, चंदन आदि अर्पित करें
- 🕉️ “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें
- 📿 शिव चालीसा और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें
- 🧘♂️ ध्यान व उपवास – पूरा दिन निर्जला या फलाहार व्रत करें
🌟 क्या करने से विशेष लाभ मिलेगा?
- शिव पार्वती की एक साथ पूजा करें – दांपत्य जीवन सुखमय होता है।
- अगर नौकरी, संतान या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है, तो प्रदोष व्रत में भगवान शिव को काले तिल और शहद अर्पित करें।
- मंदिर जाकर शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें – सभी दोष दूर होते हैं।
❌ इन बातों से बचें दोनों अवसरों पर:
- मांसाहार, नशा, झूठ और वाणी का अपवित्र प्रयोग न करें।
- मोबाइल/टीवी पर अनावश्यक समय बर्बाद करने से बचें।
- क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और द्वेष से दूर रहें।