NEET-UG परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियों और बिजली कटौती के चलते प्रभावित हुए छात्रों की याचिका पर आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता पक्ष की ओर से आज रिवाइंडर दाखिल किया जाएगा।
इस मामले में 25 से अधिक परीक्षा केंद्रों से जुड़े 50 से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं। इन छात्रों की प्रमुख मांग है कि दोबारा परीक्षा (Re-exam) कराई जाए ताकि उनका भविष्य खराब न हो। याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि इन छात्रों में कई ऐसे हैं जिन्होंने तीन-चार बार परीक्षा दी है और उन्होंने कड़ी मेहनत की थी।
क्या है मामला?
4 मई को हुई NEET-UG परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन सहित कई शहरों में तेज आंधी और बारिश के कारण बिजली गुल हो गई थी। इंदौर के 49 सेंटरों में से लगभग 25 केंद्रों पर छात्रों को अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी। कई जगहों पर छात्रों ने मोमबत्तियों और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पेपर हल किया। घुप्प अंधेरे में कई छात्र प्रश्नपत्र तक ठीक से नहीं पढ़ पाए।
उज्जैन के शासकीय माधव महाविद्यालय में भी बिजली जाने से परीक्षा बाधित हुई। यहां छात्रों ने आरोप लगाया कि कुछ कक्षों में लाइट जाने के बाद अतिरिक्त समय मिला, लेकिन रूम नंबर 212 के छात्रों को न तो अतिरिक्त समय मिला और न ही समय पर परीक्षा शुरू हो सकी। अब उज्जैन के भी 5 से ज्यादा छात्र याचिकाकर्ताओं में शामिल हो चुके हैं।
NTA की दलील क्या रही?
16 मई को हुई पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने NTA की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि पूरे परिणाम पर रोक लगाने से सैकड़ों छात्रों पर असर पड़ेगा। हालांकि NTA ने यह स्वीकार किया कि कुछ केंद्रों पर बिजली की समस्या हुई थी, लेकिन वहां मोमबत्ती और जनरेटर के जरिए व्यवस्था की गई थी।
NTA का यह भी कहना है कि परीक्षा समर सीज़न में थी और सभी जरूरी इंतजाम किए गए थे। लेकिन याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वास्तविक हालात NTA के दावों से काफी अलग थे।
क्या है छात्रों की मांग?
प्रभावित छात्रों की स्पष्ट मांग है कि जिन 25 परीक्षा केंद्रों में परीक्षा प्रभावित हुई, वहां फिर से परीक्षा कराई जाए। छात्रों का कहना है कि खराब व्यवस्था के कारण उनका एक साल बर्बाद होने की कगार पर है, क्योंकि NEET के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है—न मेडिकल, न नर्सिंग, न आयुर्वेद या होम्योपैथी।
क्या हो सकता है अगला कदम?
आज की सुनवाई में याचिकाकर्ता पक्ष कोर्ट से दोबारा परीक्षा की मांग को लेकर मजबूत तर्क पेश करेगा। साथ ही कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा कि रिवाइंडर दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। अब यह देखना होगा कि हाईकोर्ट NTA और बिजली कंपनी के जवाबों के आधार पर क्या फैसला सुनाता है।
“देश हरपल”https://deshharpal.com/ इस अहम मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है।