कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) द्वारा नीति आयोग (NITI Aayog) को “अयोग्य” कहे जाने पर सियासी घमासान मच गया है। रमेश ने नीति आयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का “ढोल बजाने वाला” मंच बताया और आरोप लगाया कि यह संस्था संघीय ढांचे (federal structure) की भावना के खिलाफ काम कर रही है।
ममता बनर्जी को रोकने का आरोप, कांग्रेस का समर्थन
NITI Aayog विवाद की शुरुआत तब हुई जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक के दौरान आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात पूरी नहीं कहने दी गई। कांग्रेस ने ममता बनर्जी का समर्थन किया और इसे “अस्वीकार्य” बताया।

BJP का पलटवार: “Congress की राजनीति सिर्फ विवाद पैदा करना है”
जयराम रमेश की टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखा पलटवार किया। भाजपा नेताओं ने कहा कि रमेश की आदत है बेवजह के विवाद खड़े करना और इससे कांग्रेस की ही छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने रमेश के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को पूरा समय दिया गया और किसी का माइक बंद नहीं किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब रमेश बैठक में थे ही नहीं, तो उन्होंने यह निष्कर्ष कैसे निकाला?
पहले भी कर चुके हैं विवादित टिप्पणी
यह पहली बार नहीं है जब रमेश अपनी टिप्पणियों को लेकर विवादों में आए हैं। इससे पहले भी वह एक सर्वदलीय बैठक के दौरान उठे मुद्दों को लाइव ट्वीट कर चुके हैं, जिस पर BJP और JDU ने नाराजगी जताई थी और इसे गैर-जिम्मेदाराना करार दिया था।
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