उत्तर कोरिया (North Korea) ने पहली बार आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि उसने रूस (Russia) का समर्थन करते हुए यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ अपने सैनिक भेजे हैं।
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA के अनुसार, किम जोंग उन (Kim Jong Un) के आदेश पर, उनके सैनिकों ने रूस के साथ मिलकर “कुर्स्क (Kursk) सीमा क्षेत्र को पूरी तरह से मुक्त” किया।
यह घोषणा ऐसे समय आई है जब कुछ दिन पहले ही रूस के चीफ ऑफ स्टाफ वालेरी गेरासिमोव (Valery Gerasimov) ने उत्तर कोरियाई सैनिकों की “वीरता” की सराहना की थी। यह पहली बार है जब रूस ने भी सार्वजनिक रूप से उत्तर कोरियाई सैनिकों की भागीदारी को स्वीकार किया है।
North Korea से भेजे गए लगभग 11,000 सैनिकों में से कम से कम 1,000 सैनिक युद्ध में मारे गए हैं।यूक्रेन (Ukraine) ने रूस के कुर्स्क (Kursk) क्षेत्र पर दोबारा नियंत्रण पाने के दावे को खारिज कर दिया है। वहीं अमेरिका (USA) ने उत्तर कोरिया को चेताया है कि उसे अब इस युद्ध को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी उठानी होगी।
क्यों भेजे सैनिक?
KCNA के मुताबिक, सैनिकों की तैनाती, प्योंगयांग और मास्को (Moscow) के बीच हुई एक आपसी रक्षा संधि के तहत की गई थी।
किम जोंग उन ने कहा, “जो न्याय के लिए लड़े, वे हमारे देश की प्रतिष्ठा और सम्मान के प्रतिनिधि हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुर्स्क (Kursk) में उत्तर कोरिया और रूस ने “रक्त से साबित भाईचारे और गठबंधन” का प्रदर्शन किया है, जो दोनों देशों के रिश्तों को हर स्तर पर मजबूत करेगा।
KCNA ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मिशन समाप्त होने के बाद उत्तर कोरियाई सैनिकों का क्या होगा और क्या उन्हें स्वदेश लौटने की अनुमति दी जाएगी।
किस तरह के सैनिक भेजे गए?
सूत्रों के अनुसार, उत्तर कोरिया (North Korea) ने अपनी एक “एलीट यूनिट” स्टॉर्म कॉर्प्स (Storm Corps) से सैनिक भेजे थे। हालांकि, सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये सैनिक आधुनिक युद्ध की वास्तविकताओं के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं हैं।
पूर्व ब्रिटिश सेना के टैंक कमांडर कर्नल हैमिश डी ब्रेटन-गॉर्डन (Col. Hamish de Bretton-Gordon) ने कहा था, “ये मुश्किल से प्रशिक्षित सैनिक हैं, जिन्हें रूसी अधिकारियों के तहत लड़ना पड़ रहा है, जिनकी भाषा वे समझते भी नहीं।”
यूक्रेन के लिए क्यों बना खतरा?
भले ही उत्तर कोरियाई सैनिकों को कमजोर माना गया हो, लेकिन यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल ओलेक्जेंडर सिरस्की (Gen. Oleksandr Syrskyi) ने चेताया कि ये सैनिक यूक्रेनी मोर्चे पर एक बड़ी चुनौती बन रहे हैं।
उन्होंने कहा, “ये सैनिक बड़ी संख्या में हैं। 11,000 से 12,000 तक अत्यधिक प्रेरित और प्रशिक्षित सैनिक आक्रामक कार्रवाइयों में जुटे हैं। ये सोवियत रणनीतियों पर आधारित तरीकों से लड़ रहे हैं और अपनी भारी संख्या पर निर्भर कर रहे हैं।”
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