नई दिल्ली | देश हरपल
Operation Sindoor को लेकर एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरोपों के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जोरदार पलटवार करते हुए कहा है कि राहुल गांधी “पाकिस्तान की भाषा” बोल रहे हैं।
BJP आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल को यह सवाल उठाना चाहिए था कि हमने कितने पाकिस्तानी फाइटर जेट गिराए। लेकिन वे सिर्फ यही पूछते रह गए कि हमने कितने विमान खोए। क्या राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतने सफल ऑपरेशन के लिए एक बार भी बधाई दी?”
It is not surprising that Rahul Gandhi is speaking the language of Pakistan and its benefactors. He hasn’t congratulated the Prime Minister on the flawless #OperationSindoor, which unmistakably showcases India’s dominance. Instead, he repeatedly asks how many jets we lost—a… pic.twitter.com/BT47CNpddj
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 20, 2025
क्या है राहुल गांधी का आरोप?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक पुराने बयान को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले भारत ने पाकिस्तान को इसकी सूचना दी, जो कि एक “अपराध” था।
राहुल ने सवाल उठाया, “हमले से पहले पाकिस्तान को बताने का निर्णय किसने लिया? इससे हमें क्या नुकसान हुआ? वायुसेना ने कितने विमान गंवाए?” राहुल का कहना है कि जयशंकर ने खुद सार्वजनिक रूप से यह बात स्वीकार की है, और इसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।
BJP का तीखा पलटवार
भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को लेकर दो टूक शब्दों में कहा, “राहुल को पाकिस्तान और उसके हितैषियों की लाइन पर चलते देखना कोई आश्चर्य नहीं है। वे बार-बार हमारे नुकसान पूछते हैं लेकिन यह नहीं पूछते कि हमने कितने पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया और वहां खड़े विमानों को तबाह किया।”
बीजेपी नेताओं ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने ना सिर्फ प्रधानमंत्री की आलोचना की, बल्कि हमारी सेना के मनोबल को भी चोट पहुंचाई। अमित मालवीय ने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा, “क्या अब राहुल गांधी को निशान-ए-पाकिस्तान मिलने वाला है?”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने क्या कहा था?
दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के दौरान जयशंकर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था,
“हमारे लक्ष्य आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था, जो हमने किया। शुरुआत में ही पाकिस्तान को यह बताया गया था कि हमला उनकी सेना पर नहीं, बल्कि आतंकवाद पर है। अगर वे हस्तक्षेप नहीं करते, तो हम इसे संघर्ष नहीं मानेंगे।”
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हो रही यह बयानबाज़ी सिर्फ सरकार और विपक्ष की रणनीतिक सोच को दर्शाती है।
जहां सरकार इसे एक रणनीतिक विजय बता रही है, वहीं विपक्ष सवाल उठाकर इसे जवाबदेही का मुद्दा बना रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर अब सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं रह गया है, यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। राहुल गांधी के आरोप और भाजपा का तीखा जवाब इस बात को साफ करते हैं कि 2025 की राजनीति में राष्ट्रीय सुरक्षा भी अब एक चुनावी मुद्दा बन सकती है।