Breaking: Shankaracharya Expels Rahul Gandhi from Sanatan Dharma, Here’s Why
उत्तराखंड के बद्रीनाथ स्थित ज्योतिर्मठ से सनातन धर्म को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को हिंदू धर्म से सार्वजनिक रूप से बहिष्कृत करने की घोषणा कर दी है।
शंकराचार्य का आरोप है कि राहुल गांधी ने संसद में मनुस्मृति के खिलाफ जो टिप्पणी की, उससे संपूर्ण सनातन धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि संसद में राहुल गांधी ने कहा कि “बलात्कारी को बचाने का फॉर्मूला संविधान में नहीं, आपकी किताब में है” — जो सीधा मनुस्मृति को लेकर कहा गया माना गया।
पहले दी गई थी चेतावनी
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार, राहुल गांधी को तीन महीने पहले एक नोटिस भेजा गया था, जिसमें पूछा गया था कि उन्होंने जो बात मनुस्मृति के बारे में कही, वह ग्रंथ में कहां लिखी है? लेकिन राहुल गांधी की ओर से न कोई जवाब आया और न ही उन्होंने क्षमा याचना की।

सार्वजनिक बहिष्कार की घोषणा
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, शंकराचार्य ने अब औपचारिक रूप से राहुल गांधी को सनातन धर्म से बहिष्कृत करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि “जो व्यक्ति धर्म ग्रंथों का सार्वजनिक रूप से अपमान करे और पश्चाताप भी न करे, वह हिंदू नहीं रह सकता।”
क्या है आगे की राह?
यह बयान राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही स्तरों पर बड़ी बहस का कारण बन गया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या धार्मिक संस्थाओं को किसी राजनेता को धर्म से बहिष्कृत करने का अधिकार है? और क्या राहुल गांधी को अब सफाई देनी चाहिए?
देश हरपल इस मुद्दे पर होने वाले हर अपडेट को आप तक पहुंचाता रहेगा।