नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक बेहद गंभीर मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने देशद्रोह और जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। आरोपी पर आरोप है कि वह एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क (Spy Network) का हिस्सा था, जिसने भारतीय सशस्त्र बलों की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को लीक की।
यह मामला Official Secrets Act, 1923 के तहत दर्ज किया गया है, जो भारत में जासूसी रोकने के लिए लागू एक सख्त कानून है।
अदालत की सख्त टिप्पणी: “यह राष्ट्र के साथ विश्वासघात है”
जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने सुनवाई के दौरान कहा:
“जासूसी केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा हमला है। यह राष्ट्र के साथ विश्वासघात है।”
उन्होंने आगे कहा:
“जब हमारे सैनिक सीमाओं पर सतर्क रहते हैं, तब ही देशवासी शांति से सांस लेते हैं। ऐसे जासूसी नेटवर्क भारत की सुरक्षा और सेना की रणनीतियों को खतरे में डालते हैं।”
देश में बढ़ रहा है Spy Network का प्रभाव: NCRB डेटा से खुलासा
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में जासूसी और गोपनीय जानकारी लीक करने के मामलों में 2014 से 2022 तक 5 गुना वृद्धि हुई है — जो देश में एक संगठित Spy Network की सक्रियता की ओर इशारा करती है।
वर्ष | दर्ज केस |
---|---|
2014 | 11 |
2015 | 9 |
2016 | 30 |
2017 | 18 |
2018 | 40 |
2019 | 40 |
2020 | 39 |
2021 | 55 |
2022 | 55 |
विशेषज्ञों का मानना है कि यह डेटा संकेत देता है कि कई विदेशी एजेंसियां भारत में Spy Network फैला रही हैं ताकि रणनीतिक सूचनाएं प्राप्त की जा सकें।
कौन चला रहा है ये जासूसी नेटवर्क?
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इन जासूसी नेटवर्क में शामिल लोग अक्सर:
- सोशल मीडिया या फर्जी पहचान के जरिए संपर्क साधते हैं
- सेना, रेलवे, और सरकारी विभागों में कार्यरत लोगों को लालच या ब्लैकमेल से फंसाते हैं
- एन्क्रिप्टेड ऐप्स और डार्क वेब के ज़रिए डेटा ट्रांसफर करते हैं
क्यों बढ़ रहे हैं जासूसी मामले?
सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि इस ट्रेंड के पीछे ये प्रमुख कारण हैं:
- डिजिटल कम्युनिकेशन का अत्यधिक उपयोग
- सीमा पर बढ़ता तनाव और जियोपॉलिटिकल संघर्ष
- संवेदनशील डेटा की सुरक्षा में खामियां
- सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स से Cross-Border Espionage को बढ़ावा
- विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा Spy Networks की फंडिंग और ट्रेनिंग
क्या है Official Secrets Act, 1923?
Official Secrets Act भारत का मुख्य Anti-Espionage कानून है। इसके तहत:
- देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी को लीक करना गंभीर अपराध माना जाता है
- दोष सिद्ध होने पर दीर्घकालिक कारावास या अन्य कड़ी सजा दी जाती है
- सरकारी कर्मचारी के अलावा कोई भी नागरिक इसके अंतर्गत कार्रवाई के दायरे में आ सकता है
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