डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई और बेहद महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा प्रणाली की घोषणा की है, जिसे “Golden Dome” कहा जा रहा है। यह प्रोजेक्ट अमेरिका को बैलिस्टिक, क्रूज़ और हाइपरसोनिक मिसाइल जैसे घातक हमलों से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस रक्षा कवच का निर्माण ज़मीन और अंतरिक्ष दोनों क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके किया जाएगा।
क्या है Golden Dome सिस्टम?
Golden Dome एक ऑल-इन-वन मिसाइल डिफेंस सिस्टम होगा जो दुश्मन की मिसाइलों को उनके लॉन्च के शुरुआती चरण (boost phase) से लेकर अंतिम टकराव (terminal phase) तक हर स्टेज पर इंटरसेप्ट करने में सक्षम होगा।
मुख्य विशेषताएं:
- स्पेस-बेस्ड इंटरसेप्टर्स: पहली बार अमेरिका अंतरिक्ष में ऐसे हथियार तैनात करेगा जो किसी भी मिसाइल को उसके लॉन्च होते ही खत्म कर सकें।
- लेज़र हथियार: लेज़र बीम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मिसाइलों को रोशनी की गति से नष्ट करने के लिए किया जाएगा।
- राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा कवरेज: Golden Dome पूरे अमेरिका को हर दिशा से आने वाले खतरों से बचाएगा — चाहे हमला ज़मीन से हो, समुद्र से या अंतरिक्ष से।
लागत और लॉन्च टाइमलाइन
- प्रारंभिक लागत: ट्रंप प्रशासन ने शुरुआत में $25 अरब डॉलर की मांग की है।
- कुल अनुमानित लागत: विशेषज्ञों के अनुसार, इस सिस्टम पर अगले 20 साल में $500 अरब डॉलर से भी ज़्यादा खर्च हो सकते हैं।
- लॉन्च टाइमलाइन: ट्रंप ने दावा किया है कि यह सिस्टम 2029, उनके कार्यकाल की समाप्ति से पहले ऑपरेशनल हो जाएगा।
तुलना: Golden Dome बनाम Israel का Iron Dome
विशेषता | Iron Dome (इज़रायल) | Golden Dome (अमेरिका) |
---|---|---|
कवरेज क्षेत्र | सीमित क्षेत्र | पूरा अमेरिका |
तकनीक | ज़मीन आधारित इंटरसेप्टर्स | अंतरिक्ष आधारित हथियार और लेज़र |
टारगेट | शॉर्ट-रेंज रॉकेट्स | बैलिस्टिक, क्रूज़, हाइपरसोनिक मिसाइल्स |
चुनौतियाँ और आलोचनाएं
- तकनीकी जटिलता: हाइपरसोनिक मिसाइलों की तेज़ स्पीड और अजीब पथ को ट्रैक करना आसान नहीं है।
- लागत बनाम असर: रक्षात्मक सिस्टम हमेशा महंगे होते हैं, जबकि आक्रामक हथियार अपेक्षाकृत सस्ते और बार-बार बदले जा सकते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय विवाद: चीन और रूस ने इस सिस्टम की आलोचना की है और इसे “अंतरिक्ष का सैन्यीकरण” बताया है।
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