दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़), देश हरपल
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह शनिवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में आयोजित बस्तर पंडुम महोत्सव में शामिल हुए। यहां उनके स्वागत के लिए खास इंतज़ाम किए गए थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें गौर सींग मुकुट पहनाकर सम्मानित किया और कोंडागांव की विश्वप्रसिद्ध ढोकरा आर्ट की कलाकृति भेंट की। साथ ही बस्तर पंडुम का प्रतीक चिह्न भी उन्हें प्रदान किया गया।
बस्तर पंडुम एक पारंपरिक आदिवासी उत्सव है, जो बस्तर की सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने लाने का माध्यम बनता जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन और भी भव्य रूप में सामने आया, जिसमें ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों के 27 हजार कलाकारों ने भाग लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “जहां पहले गोलियों की आवाजें गूंजती थीं, अब वहां स्कूल की घंटियां बज रही हैं।” उन्होंने कहा कि यह बदलाव प्रधानमंत्री मोदी के ‘डबल इंजन सरकार’ के संकल्प और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सुरक्षा बलों की मेहनत का परिणाम है।
इससे पहले गृहमंत्री शाह जगदलपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा दंतेवाड़ा पहुंचे और मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन-पूजन कर राज्य और बस्तर की शांति व समृद्धि की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि “मां दंतेश्वरी की पूजा कर हमने नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है।”
सीएम साय ने कहा कि बस्तर में विकास की नई रफ्तार देखी जा रही है। पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुंचाई जा रही हैं।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी मंच साझा करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है कि अगले एक साल में बस्तर से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो जाए।” उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के कैंप खुलने से गांवों में शांति और शिक्षा का माहौल बन रहा है।
बस्तर पंडुम का यह आयोजन न सिर्फ एक सांस्कृतिक पर्व बन गया है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि बस्तर अब भय नहीं, उत्सव की धरती है। जहां पहले नक्सलवाद की छाया थी, अब वहां विकास और विश्वास का उजाला फैल रहा है।