भारत और श्रीलंका के बीच गहरे और ऐतिहासिक संबंधों की एक और मिसाल उस वक्त सामने आई जब श्रीलंका सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च विदेशी सम्मान “मित्र विभूषण” से नवाजा। इस सम्मान के जरिए श्रीलंका ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा दिए गए सहयोग, विशेष रूप से आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक क्षेत्रों में किए गए योगदान की सराहना की।
PM Modi बोले – श्रीलंका भारत का सिर्फ पड़ोसी नहीं, बल्कि भरोसेमंद मित्र है
सम्मान प्राप्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “यह सिर्फ एक सम्मान नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और मित्रता का प्रतीक है। श्रीलंका सिर्फ भारत का पड़ोसी नहीं, बल्कि एक ऐसा मित्र है जो हर परिस्थिति में साथ खड़ा रहता है।”
क्या है ‘मित्र विभूषण’ सम्मान?
‘मित्र विभूषण’ श्रीलंका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो किसी विदेशी नेता को दिया जाता है। अब तक यह सम्मान केवल तीन बार दिया गया है, जिससे इसकी विशेषता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा
पीएम मोदी की यह यात्रा श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के न्योते पर हुई। दोनों देशों ने कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर सहमति जताई, जिनमें प्रमुख हैं:
- ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग: त्रिंकोमाली में भारत-श्रीलंका की साझेदारी में एक ऊर्जा हब और रिफाइनरी स्थापित की जाएगी।
- सौर ऊर्जा: पीएम मोदी ने 120 मेगावाट के सोलर पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी, जिससे श्रीलंका की हरित ऊर्जा में तेजी आएगी।
- डिजिटल और स्वास्थ्य सेवाएं: भारत और श्रीलंका डिजिटल तकनीक, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे।
- सुरक्षा और रक्षा सहयोग: दोनों देशों ने नौसैनिक सहयोग, संयुक्त अभ्यास, और समुद्री निगरानी को मजबूत करने पर सहमति जताई।
चीन के प्रभाव को संतुलित करने की रणनीति
भारत और श्रीलंका के इस सहयोग को चीन के बढ़ते प्रभाव के मुकाबले में एक अहम रणनीतिक कदम माना जा रहा है। हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन की उपस्थिति को देखते हुए भारत की यह साझेदारी श्रीलंका के लिए भी संतुलन का काम करेगी।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का ज़िक्र
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका के संबंध केवल राजनीतिक या आर्थिक नहीं हैं, बल्कि ये सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत से गहराई से जुड़े हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यह साझेदारी पूरे दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और विकास का रास्ता खोलेगी।