बिलासपुर | गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आयोजित NSS कैंप के दौरान हिंदू छात्रों से जबरन नमाज पढ़वाने के आरोप में NSS को-ऑर्डिनेटर प्रोफेसर दिलीप झा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में कुल आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
आरोप है कि ईद के दिन आयोजित कैंप में कुल 159 छात्र मौजूद थे, जिनमें से सिर्फ 4 मुस्लिम छात्र थे। बाकी 155 हिंदू छात्रों से कथित रूप से जबरन नमाज अदा करवाई गई। इस घटना के सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी में हंगामा मच गया।
हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, कार्रवाई की चेतावनी
जैसे ही मामला सामने आया, हिंदूवादी संगठनों ने विश्वविद्यालय का घेराव किया और सख्त कार्रवाई की मांग की। संगठनों ने चेतावनी दी थी कि यदि प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके दबाव में आकर कोटा थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
छात्रों ने लगाए धमकी के आरोप
कई छात्रों ने शिकायत में बताया कि जब उन्होंने नमाज पढ़ने से इनकार किया तो उन्हें सर्टिफिकेट न देने की धमकी दी गई। छात्रों ने कोनी थाने में NSS प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. बसंत कुमार, प्रो. दिलीप झा और अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

प्रोफेसर बोले – कैंप में था ही नहीं, फंसाया जा रहा है
इस मामले में प्रोफेसर दिलीप झा का कहना है कि वह उस NSS कैंप में मौजूद ही नहीं थे और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें न नमाज की जानकारी थी और न ही कैंप को-ऑर्डिनेटर ने इस बारे में कुछ बताया।
पुलिस का दावा – साक्ष्य प्रभावित करने की कोशिश की गई
सीएसपी एवं मीडिया प्रभारी रश्मित कौर चावला ने बताया कि जांच में प्रो. दिलीप झा सहित आठ लोगों पर संगीन आरोप सिद्ध हुए हैं। इनमें डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और टीम लीडर आयुष्मान चौधरी के नाम शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और साक्ष्य को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। इसी आधार पर प्रोफेसर दिलीप झा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
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शैक्षणिक संस्थानों में धर्म को लेकर जबरदस्ती या पक्षपात का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। ऐसी घटनाओं पर निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।